जब कोई आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करता है तो पारिवारिक बंधन, जो सामान्य प्रकृति की चीज़ है, विलीन हों जाता…
मनुष्यों के लिए मैं उस शांति की मांग कर रहा हूं जो कभी असफल न होगी, धरती के लिए मैं…
तुम यह भूल जाते हो कि मनुष्य अपने स्वभाव में विभिन्न होते हैं और इसलिये प्रत्येक व्यक्ति अपने निजी तरीके…
अविश्वासी मन सर्वदा संदेह करता है, क्योंकि वह समझ नहीं सकता; परन्तु भगवत्-प्रेमी का विश्वास जानने के लिये आग्रह करता…
जो भौतिक रूप से श्रीमाँ के पास नहीं हो सकते, वे उसके लिए अभीप्सा तो करें, लेकिन उसे पाने के…
सारा जीवन ही धर्मक्षेत्र है, संसार भी धर्म है। केवल आध्यात्मिक ज्ञानलोचना और शक्ति की भावना धर्म नहीं, कर्म भी…
यदि किसी को निकट आंतरिक संबंध प्राप्त हो तो वह माताजी को सदैव अपने पास और अंदर तथा चारों ओर…
सत्ता के पूर्ण आध्यात्मिक जीवन के लिये तैयार हों जाने से पहले सांसारिक जीवन का त्याग करना लाभदायी नही होता।…
अपने समस्त ह्रदय और समस्त शक्ति के साथ स्वयं को भगवान के हाथों में सौंप दो। कोई शर्त न रखो,…