श्री माँ के वचन

बीमारी में अस्वस्थ रुचि

अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख की जाती है, तुम्हारी इतनी…

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भूलों को ठीक करने का एकमात्र उपाय

भूतकाल के बारे में सोचते रहना बिलकुल गलत है । सच्ची विधि तो यह याद रखना है कि भगवान की…

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पूर्णता और कर्म

अगर लोगों को पूर्ण होने की वजह से काम को बंद कर देना पड़े तो हर व्यक्ति को पूरी तरह…

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दूसरों की राय

जो दोषहीन है वह दूसरों की राय की परवाह नहीं करता । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

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औरों की राय

तुम औरों की मनोभावनाओं और सनको का अपने ऊपर असर नहीं पड़ने देते  - यह बात बिलकुल ठीक है। तुम्हें…

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चरित्र

यह न मानो कि काम बदलने से तुम्हारा चरित्र भी बदल जायेगा । यह पहले भी कभी सफल नहीं हुआ…

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धैर्य कैसे बढ़ाये ?

यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालतों में शान्त रहे तो धैर्य आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : श्रीमाँ के वचन…

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सच्चा साहस

मुर्ग़ी और  उसके बच्चे का एक दृष्टांत सुनो : गौतम बुद्ध अपने शिष्यों से कहते थे कि  तुम अपनी ओर…

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उदार हृदय

उदार हृदय हमेशा अपने पुराने दुर्व्यवहारों को भूल जाता है और दुबारा सामंजस्य लाने के लिए तैयार रहता है। आओ,…

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भौतिक क्रियाएँ

इन भौतिक क्रियाओं को इतना अधिक महत्व क्यों दिया जाये ? ज्यादा अच्छा यह है कि उनसे बिलकुल मुक्त अनुभव…

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