किसी कठिनाई के कारण बेचैन या निरुत्साहित मत होओ, बल्कि चुपचाप और सरल भाव से अपने को माताजी की शक्ति…
क्या यह हो सकता है कि एक व्यक्ति जो श्रीअरविंद की ओर खुला है, माँ की ओर खुला न हो…
एक ही शक्ति है,वह है माताजी की शक्ति-या अगर तुम इस तरह रखना चाहो कि-श्रीमाँ श्रीअरविंद की शक्ति है ।…
आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना…
एक चीज़ जो महत्वपूर्ण है वह है - आन्तरिक मनोभाव को बनाये रखना और सभी बाहरी परिस्थितियों से मुक्त होकर…
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियां में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…
स्वाभाविक है कि महानतर अनुभूतियाँ होने पर सत्ता उल्लासित हो उठती है, साथ-ही-साथ उसमें अद्भुतता तथा चमत्कार का भाव भी…
अपनी सभी गतिविधियां में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…
भगवान ही अधिपति और प्रभु हैं - आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शांत साक्षी बनी रहती है और सभी वस्तुओं…
कोई भी व्यक्ति अपनी चेतना को मानसिक और प्राणिक स्तर से ऊपर उठा सकता है और ऊपर से शक्ति, आनंद,…