पहले से यह निर्धारित मत करो कि तुम्हारा आदर्श किस समय और किस तरीके से पूरा होगा। कार्य करो और समय तथा तरीके को सर्वज्ञ भगवान पर छोड़ दो ।
संदर्भ : विचारमाला और सूत्रावली
अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख…
भूतकाल के बारे में सोचते रहना बिलकुल गलत है । सच्ची विधि तो यह याद…
क्या यह हो सकता है कि एक व्यक्ति जो श्रीअरविंद की ओर खुला है, माँ…