संस्मरण

श्रीमाँ के श्री चरण

मेज़ पर बैठी लिख रही हूं । बिलकुल सामने माँ के श्रीचरण हैं । देखते -देखते मन अपार्थिव आनंद से…

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वृद्ध होने के बारे में श्रीमां

बड़ी उम्र में श्रीमां को दिनानुदिन अधिकाधिक फुतीला, उत्साहपूर्ण, युवा देख हमारे हृदय में उनकी वही वाणी गूंजा करती थी…

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चोरी की आसुरी शक्ति

स्वर्गीय उदय सिंह नाहर जब आश्रमवासी हुए तब उनकी आयु बहुत कम थी किंतु शीघ्र ही श्रीमाँ ने उन्हें अपने…

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श्रीमाँ के पास

जब श्रीमाँ सामूहिक ध्यान कराती थीं, उदाहरण के लिये आश्रम की क्रीड़ास्थली में, उस समय उनके चतुर्दिक एकत्रित लोगों के…

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व्यायाम का महत्व

आश्रम में प्रायः सभी साधक एक-दो घंटे व्यायाम करते हैं। स्वर्गीय परिचंद एक विद्वान व्यक्ति थे और अध्ययन के बहुत…

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डाँटो मत

दस वर्ष का चेला बहुत शरारती था। एक बार उसने आश्रम की क्रीड़ाभूमि में एक छोटी बालिका के हाथ से…

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एक कुर्सी

एक बार बीरेन के एक मित्र आश्रम आए। वे बीरेन के लिए बर्मा टीक की एक आराम कुर्सी बनवा कर…

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प्रेम का जाल

दीर्घ प्रतीक्षा के बाद आखिरकार वह क्षण आ ही गया जब चमनलाल की अभीप्सा पूरी हुई और वे प्रथम बार…

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श्रीअरविंद मेरे गुरु हैं

आश्रम के एक साधक विश्वजीत ताल्लुकदार को साधु-संतों से मिलने का बहुत शौक था। अतः वे प्रतिवर्ष भारत भ्रमण करके…

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भुतहा घर

श्रीअरविंद के एक शिष्य बापालाल एक भूतहे घर में रहते थे। उस घर में रहने वाला शैतान भूत अक्सर घर…

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