‘तेरे’ आगे नीरवता में बीते कुछ क्षण आनंद की शताब्दियों के बराबर हैं। …
ओह ! कितना मधुर है नीरवता में ‘तेरे’ आगे उपस्थित रहना । …
संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…