‘तेरे’ आगे नीरवता में बीते कुछ क्षण आनंद की शताब्दियों के बराबर हैं। …
ओह ! कितना मधुर है नीरवता में ‘तेरे’ आगे उपस्थित रहना । …
संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई…
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों…
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस…