अज्ञान

गपबाजी

हर दुर्भावनापूर्ण शब्द, हर मिथ्यापवाद चेतना की अधोगति है। और जब यह मिथ्यापवाद भद्दी भाषा और गंवारू शब्दों में प्रकट किया…

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मेरा सत्य

मेरा सत्य वह है जो अज्ञान और मिथ्यात्व को अस्वीकार करता है और ज्ञान की ओर अग्रसर होता है, अंधकार…

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संतुष्ट रहो

तुम जितना पाते हो उससे संतुष्ट रहने की कोशिश करो-क्योंकि यह ग्रहणशीलता का मामला है-लोग जितना ग्रहण कर सकते हैं…

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जीवन को रुचिकर कैसे बनाए ?

सदा सीखना, बोद्धिक नहीं मनोवैज्ञानिक रूप से, स्वभाव में प्रगति करना, अपने अंदर गुण पैदा करना और दोष ठीक करना…

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मानव मूल्यांकन

[कप्तान (खेल-कूद के प्रशिक्षण) के चरित्र के बारे में किसी की टिप्पणी के विषय में ] लोग जो कुछ कहते…

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हमारी भूल

हमारी भूल यह हुई है और बराबर ही रही है कि हम अज्ञानी जीवन की बुराइयों से बचने के लिये…

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समर्पण में आलस्य और दुर्बलता

श्रद्धा, भगवान् के ऊपर निर्भरता, भागवत शक्ति के प्रति आत्म-समर्पण और आत्मदान-ये सब आवश्यक और अनिवार्य हैं। परन्तु भगवान् के…

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कुछ भी असंभव नहीं

... यदि तुम एक सामान्य व्यक्ति हो हो और यदि तुम कष्ट उठाओ और पद्धति से परिचित होओ तो, तुम्हारा…

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श्रद्धावान् लभते ज्ञानम,

... इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए हमारे अन्दर ऐसी श्रद्धा होनी चाहिये जिसे कोई भी बौद्धिक सन्देह विचलित…

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सष्टि का दुःख-दर्द भगवान् स्वयं अपने ऊपर ले लेते हैं।

माँ, दुःख-कष्ट अज्ञान और यन्त्रणा से आते हैं। भगवती माता -सावित्री में भगवती माता-अपने बच्चों के लिए जो दुःख-कष्ट झेलती…

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