श्री माँ

अहंकार का खेल

अहंकार के खेल के बिना कोई संघर्ष न होंगे और अगर प्राण में नाटक करने की वृत्ति न हो तो…

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अपना चुनाव एकबारगी कर लो

१. कोई महत्त्वाकांक्षा न रखो, और सबसे बढ़कर यह कि किसी चीज का दिखावा न करो, हर क्षण, तुम अधिक-से-अधिक…

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निश्चिति

हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, सम्भाले रखना चाहिये और…

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संक्रमण-काल

स्पष्टतः, अभी यह एक संक्रमण-काल है जो काफ़ी लम्बे समय तक रह सकता है और है भी कष्टदायक। कभी-कभी इस…

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खुद की भूल खोजना

“असामञ्जस्य-भरे वातावरण" को पहचानना केवल उसी हद तक उपयोगी हो सकता है जिस हद तक वह हर एक के अन्दर उसे…

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प्रार्थना करो

यह इसलिए है क्योंकि समस्त संसार मिथ्यात्व में पूरी तरह डूबा हुआ है-इसलिए वे सभी कर्म जो ऊपर उभर आते…

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भविष्य के लिए काम

"भविष्य के लिए काम करने" का क्या अर्थ है ? आरंभ करने के लिए, पुरानी व्यक्तिगत और राष्ट्रीय आदतों से…

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विलक्षण अनुभव

जीव का सबसे अधिक विलक्षण अनुभव यह है कि जब वह दुख-क्लेश के रूप और उससे होने वाली आशंका की…

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सच्चा सत्य

जैसे ही मनुष्य को यह विश्वास हो जाये कि एक जीवन्त और वास्तविक 'सत्य' इस यथार्थ जगत् में व्यक्त होने…

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सूक्ष्म भौतिक आवरण

रोग चाहे किसी कारण से क्यों न हुआ हो, वह चाहे स्थूल-भौतिक हो या मानसिक, बाह्य हो या आन्तरिक, उसे…

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