अंदर का ज्ञान

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जब हमारे अंदर का ज्ञान नया होता है तब वह अजेय होता है; जब वह पुराना हो जाता है तब…

परिणाम

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प्रत्येक अपना-अपना काम अच्छे-से-अच्छा करे और परिणाम की चिंता शांतिपूर्वक परम प्रभु के लिए छोड़ दे । संदर्भ : सफ़ेद…

कैसे खुला जाये ?

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भगवती माँ की और कैसे खुला जाये ? शांत मन में श्रद्धा और समर्पण द्वारा । संदर्भ : माताजी के…

हृदय की शांति

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मेरी प्यारी नन्ही बच्ची, सचमुच यदि तुम सब कुछ भगवान के संरक्षण में छोड़ दो तो तुम्हारा हृदय शांति में…

भागवत उपस्थिती का पहला चिन्ह

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केवल शांत स्थिरता में ही सब कुछ जाना और किया जा सकता है। जो कुछ उत्तेजना और उग्रता में किया…

बाह्य परिस्थितियों को भूलना

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जहां तक भूलने का प्रश्न है, जितना ज्यादा तुम अपनी आत्मा को याद रखोगी उतना ही बाह्य परिस्थितियों को भूल…

चैत्य पुरुष

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यदि चैत्य पुरुष प्रकट हो तो वह तुमसे अपने प्रति नहीं, बल्कि माताजी के प्रति आत्मसमर्पण करने को कहेगा। संदर्भ…

भोजन अर्पण करने का तात्पर्य

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'मातृवाणी' में आये हुए इस वाक्य से माताजी का क्या मतलब है : "जब तुम खाते हो तब तुम्हें यह…

माताजी की शक्ति

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माताजी की शक्ति शरीर में पूर्ण रूप से कार्य करे इसके लिये यह आवश्यक है कि केवल मन में ही…

पूर्ण आत्म-दान की तीन विधियाँ

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भगवान के प्रति पूर्ण आत्म-दान के लिए तीन विशेष विधियाँ : (१) सारे गर्व को त्याग कर पूर्ण नम्रता के…