(जो लोग भगवान की  सेवा  करना चाहते हैं  उनके लिये एक प्रार्थना )

तेरी जय हो, हे भगवान्। सर्व विघ्न विनाशन !
ऐसा वर दे कि हमारे अन्दर की कोई भी चीज तेरे कार्य में बाधक न हो !
ऐसा वर दे कि कोई भी चीज तेरी अभिव्यक्ति में रुकावट न डाले।
ऐसा कर दे कि सभी बातों में तथा प्रत्येक क्षण तेरी ही इच्छा पूर्ण हो।
हम यहाँ तेरे सम्मुख उपस्थित हैं जिससे कि हमारे अन्दर, हमारी सत्ता के अंग-प्रत्यंग में, उसके प्रत्येक कार्य में, उसकी सर्वोच्च ऊँचाइयों से लेकर शरीर के क्षुद्रतम कोषों तक में तेरी ही इच्छा कार्यान्वित हो।

ऐसी कृपा कर कि हम तेरे प्रति सम्पूर्ण रूप से तथा सदा के लिए विश्वासपात्र बन सकें।
हम अन्य प्रत्येक प्रभाव से अलग रहते हुए एकदम तेरे प्रभाव के अधीन हो जाना चाहते हैं।
ऐसा वर दे कि हम तेरे प्रति एक गम्भीर और तीव्र कृतज्ञता रखना कभी न भूलें।

ऐसी कृपा कर कि प्रत्येक क्षण जो सब अद्भुत वस्तुएँ तेरी देन के रूप में हमें मिलती हैं, उनमें से किसी का भी कभी अपव्यय न करें।
ऐसा वर दे कि हमारे अन्दर की प्रत्येक चीज तेरे कार्य में सहयोग दे और सब कुछ तेरी सिद्धि के लिये तैयार हो जाये ।
तेरी जय हो, हे परमेश्वर! हे समस्त सिद्धियों के अधीश्वर! प्रदान कर हमें अपनी विजय में एक सक्रिय और ज्वलंत,अखंड और अटल-अचल विश्वास।

संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान 

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