भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग…
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व का लक्षण है, वह उसे…
हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बंद कर रखा है,…
प्रेम सबके साथ है, प्रत्येक की प्रगति के लिये समान रूप से कार्य कर रहा है-लेकिन विजय उन्ही में पाता…
... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते हुए मैं वहाँ उस अग्नि…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर…
मधुर माँ, हम दूसरे की आवश्यकता को कैसे जान सकते और उसकी सहायता कर सकते हैं ? मैं बाहरी चीजों…
हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बन्द कर रखा है,…
प्यारी माँ , मुझ गरीब के लिए आपका प्यार अब भी मेरा ध्रुवतारा है और मैं उसके लिए कृतज्ञ हूँ…
मेरे जीवन की जीवन ! मेरी अपनी मधुरतम माँ ! मेरे प्रेम को स्वीकार करो और जैसा तुम बरसों से…