प्रेम

प्रेम

प्रेम सबके साथ है, प्रत्येक की प्रगति के लिये समान रूप से कार्य कर रहा है-लेकिन विजय उन्ही में पाता…

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तेरी नयी अभिव्यक्ति

... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते हुए मैं वहाँ उस अग्नि…

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प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर…

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दूसरे की आवश्यकता

मधुर माँ, हम दूसरे की आवश्यकता को कैसे जान सकते और उसकी सहायता  कर सकते हैं ? मैं बाहरी चीजों…

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क्षणिक संपर्क

हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बन्द कर रखा है,…

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मेरा प्रेम

प्यारी माँ , मुझ गरीब के लिए आपका प्यार अब भी मेरा ध्रुवतारा है और मैं उसके लिए कृतज्ञ हूँ…

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उच्चतर चेतना की और छलांग

मेरे जीवन की जीवन ! मेरी अपनी मधुरतम माँ ! मेरे प्रेम को स्वीकार करो और जैसा तुम बरसों से…

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दुःख झेलना जाना

यदि किसी समय तुम्हें कोई गभीर दुःख, दारुण संशय या तीव्र कष्ट अभिभूत और हताश कर रहा हो तो शान्ति…

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प्रेम करने का अर्थ

जब तुम अपना प्रेम किसी और मनुष्य को देते हो तो प्राय: पहली भूल यह होती है कि तुम उस…

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अकेलापन क्यों ?

तुम्हें अकेलापन इसलिये लगता है क्योंकि तुम्हें प्रेम की आवश्यकता मालूम होती है। बिना किसी मांग के प्रेम करना सीखो,…

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