प्रश्न और उत्तर १९५०-१९५१

अवसाद

अवसाद हमेशा तीव्र अहंकार का द्योतक होता है। जब तुम उसे अपने समीप आते हुए अनुभव करो तो अपने -…

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अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को बनाये रख कर हम अपनें…

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अशुभ और बुरा

एक प्राचीन मनीषी ने कहा है : " अशुभ नाम की कोई चीज़ नहीं है । बस, संतुलन की कमी…

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काल्पनिक कहानियाँ

क्या काल्पनिक कहानियों का कोई मूल्य नहीं होता? यह निर्भर करता है कल्पना के स्वरूप पर। यदि तुम यह कहो…

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केवल एक सहारा

भगवान के सिवा कभी किसी दूसरे मनुष्य या दूसरी वस्तु पर, वह चाहे जो हो निर्भर नहीं करना। कारण, यदि…

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उदारता

. . .  मैं यहाँ भौतिक उदारता की चर्चा नहीं करूँगी जिसका स्वाभाविक स्वरूप है अपने पास जो कुछ हो…

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बच्चों को डांट नहीं

बच्चे को कभी डाँटना-फटकारना नहीं चाहिये। माता-पिताओं की बुराई करने के लिए मुझे दोष दिया जाता है ! परन्तु मैंने…

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आध्यात्मिक जीवन के लिए तैयारी

क्या ऐसे चिन्ह है जो यह बतलाते हैं कि मनुष्य इस पथ के लिए तैयार हो गया है, विशेषकर जब…

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चीजों का तरीका

... अगर हर एक जो कुछ जरूरी है वह करे और भरसक अधिक-से-अधिक करे तो एक ऐसी स्थिति तक पहुंच…

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संगति का असर

इस छोटे-से अभ्यास को करने का प्रयत्न करो। दिन के आरम्भ में कहो, "जो कुछ मुझे कहना होगा उस पर…

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