माताजी के विषय में

एक ही शक्ति

एक ही शक्ति है,वह है माताजी की शक्ति-या अगर तुम इस तरह रखना चाहो कि-श्रीमाँ श्रीअरविंद की शक्ति है ।…

% दिन पहले

सतत रूप से माँ के पास

एक चीज़ जो महत्वपूर्ण है वह है - आन्तरिक मनोभाव को बनाये रखना और सभी बाहरी परिस्थितियों से मुक्त होकर…

% दिन पहले

इस सिद्धान्त का पालन करो

न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियां में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…

% दिन पहले

शक्ति की प्रभावकारिता

क्या आपके कार्य तथा श्रीमाँ के कार्य में कोई अन्तर है - मेरा मतलब है कि शक्ति की प्रभावकारिता में…

% दिन पहले

दिव्य शक्ति

... दिव्य शक्ति न केवल प्रेरणा देती है और पथ प्रदर्शन करती है, बल्कि तुम्हारें सभी कर्मों का सूत्रपात करती…

% दिन पहले

श्री माँ का संपर्क

श्रीमाँ का संपर्क सारे दिन और सारी रात भी बना रहता है । अगर तुम सारे दिन उनके साथ उचित…

% दिन पहले

श्री माँ की उपस्थिती

श्रीमाँ की उपस्थिती हमेशा उपस्थित रहती है; लेकिन अगर तुम अपने ही भरोसे क्रिया करना चाहो-चीजों पर अपने ही विचार,…

% दिन पहले

सतत ‘उपस्थिती’

हमेशा ऐसे जियो मानों तुम 'परम प्रभु' तथा  'भगवती माँ' की दृष्टि के सामने हो। ऐसी कोई क्रिया न करो,…

% दिन पहले

आधार

सोचो कि " माँ मुझसे प्यार करती हैं और में माँ का हूँ ।" इस विचार को यदि तुम अपने…

% दिन पहले

श्रीमाँ से भौतिक सामीप्य

जो भौतिक रूप से श्रीमाँ के पास नहीं हो सकते, वे उसके लिए अभीप्सा तो करें, लेकिन उसे पाने के…

% दिन पहले