यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब तुम्हें पथ और 'पथ-प्रदर्शक' दोनों…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें अनुभूति पाने की कुछ क्षमता…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई है, यह एक ऐसे बीहड़…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है। यह तो जानी हुई बात…
केवल अपने लिए अतिमानस को प्राप्त करना मेरा अभिप्राय बिलकुल नहीं है-मैं अपने लिए कुछ भी नहीं कर रहा; क्योंकि…
यह बिलकुल सच है कि “हमारे साधना-मार्ग में बलपूर्वक दबाने की यानी निग्रह की मनोवृत्ति नहीं है"; मानसिक विधान या…
तुम्हारे लिए यह बिलकुल सम्भव है कि तुम घर पर और अपने काम के बीच रह कर साधना करते रहो-बहुत-से…
सच्चाई के साथ अपने-आपको खोलो। इसका अर्थ यह है कि बिना अपने अन्दर कुछ भी छिपाये हुए, पूरी तरह खोलो;…
हमारी प्रकृति भ्रांति तथा क्रिया की बेचैन अनिवार्यता के आधार पर कार्य करती है, भगवान अथाह निश्चलता में मुक्त रूप…
तुम ध्यान किसे कहते हो? आखें बंद करके एकाग्र होने को? यह सच्ची चेतना को नीचे उतारने के तरीक़ों में…