श्री माँ

कृतज्ञता

कृतज्ञ होने का अर्थ है : इस अद्भुत भागवत कृपा को कभी न भूलना जो हर एक को–चाहे वह कैसा…

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अनुशासन

व्यक्ति को अपने स्वभाव और अपनी दुर्बलताओं के अनुसार अपने लिए एक अनुशासन बना लेना चाहिये जिसका बिना हर-फेर किये…

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भागवत मुस्कान का ध्यान

अहंकार के खेल के बिना कोई संघर्ष न होंगे और अगर प्राण में नाटक करने की वृत्ति न हो तो…

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मनोबल

अधिक-से-अधिक सुंदर विचारों से भी हम प्रगति नहीं करते यदि हमारे अंदर उन्हें आधिकाधिक उदात्त भावों, उदात्त संवेदनाओं और अधिक…

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तुम्हारा चुनाव

तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था - अब तुम्हें…

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खिन्नता

सभी खिन्नता और विषाद को विरोधी शक्तियाँ ही पैदा करती हैं, उन्हें तुम्हारें ऊपर उदासी फेंक कर जितनी ख़ुशी होती…

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मेरी इच्छा

मुझे अपनी इच्छा औरों पर लादने की आदत नहीं है। अगर वे स्वयं सहायता की मांग करें, तो सहायता दी…

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ज्ञान

ज्ञान है एक ऐसी एकाग्रता जिसकी परिणति एक जीवंत सिद्धि तथा हमारे अंदर तथा सबमें एकमात्र सत्ता की उपस्थिति -…

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मानसिक रूपायण

माँ, 'क' ने एक चीनी-मिट्टी का कटोरा तोड़ दिया है ।  कल तुम आश्चर्य कर रहे थे कि उससे कोई…

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नयी चीज़ का डर

मधुर मां,  हम प्रायः कोई नयी चीज करने से डरते हैं, शरीर नये तरीके से क्रिया करने से इन्कार करता…

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