श्री माँ

अनुशासन की महत्ता

बाहरी और भीतरी अनुशासन के बिना तुम जीवन में कुछ भी नहीं पा सकते, न तो आध्यात्मिक और न ही…

% दिन पहले

बीमारी में रुचि

अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख की जाती है, तुम्हारी इतनी…

% दिन पहले

भगवान को भूलना

जब हम मानसिक प्रवुत्तियों में अथवा बुद्धि के व्यापारों में एकाग्र रहते हैं, तब कभी-कभी भगवान को क्यों भूल जाते…

% दिन पहले

अहंकार और आत्मा

अहंकार हमेशा यही  सोचता रहता है कि वह क्या चाहता है और उसे क्या नहीं मिला - यही उसकी सतत…

% दिन पहले

श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द

...श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ…

% दिन पहले

अहंकार पर विजय पाओ

(एक शिष्य को श्रीमां का पत्र) मानव जीवन में सभी कठिनाइयों, सभी विसंगतियों, सभी नैतिक कष्टों का कारण है हर…

% दिन पहले

नियंत्रण का महत्व

नियंत्रण के बिना कोई समुचित काम संभव नहीं है । नियंत्रण के बिना समुचित जीवन संभव नहीं है । और…

% दिन पहले

उदाहरण बनो

हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है ; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो…

% दिन पहले

अध्यवसाय में सच्चे बनों

तुम्हें अपने अध्यवसाय में सच्चा होना चाहिये ; तब तुम आज जो चीजें नहीं कर सकती उन्हें नियमित और आग्रहपूर्ण…

% दिन पहले