कोई आसक्ति न हो, कोई कामना न हो, कोई आवेग न हो, कोई पसन्द न हो; पूर्ण समता हो, अचल…
एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त है (निस्संदेह दूसरों के साथ…
मेरे मौन और विनम्र पूजा-भाव के साथ प्रणाम ... । मैं तेरी महिमा के आगे नमन करती हूँ क्योंकि वह…
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई में जाना समस्त योग का…
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों में उन्हें इधर-उधर बिखेरने का…
सांसारिक जीवन संघर्ष का जीवन है - इस पर उचित तरीके से चलने के लिए तुम्हें अपना जीवन तथा अपनी…
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस सत्ता की सतह के रूप…
कब तक तुम इस मन के गोलाकार पथों पर चक्कर खाते रहोगे ? अपनी क्षुद्र अहम सत्ता और नगण्य वस्तुओं…
तुम अकेलापन इसलिए लगता है क्योंकि तुम प्रेम पाने की आवश्यकता का अनुभव करते हो । बिना मांग किये, केवल…
हर एक के अंदर अपने अहंकार होते हैं और सभी अहंकार एक-दूसरे से टकराते रहते है । आदमी स्वतंत्र सत्ता…