शाश्वत शांति और नीरवता में प्रकट होते हैं, किसी चीज़ से तुम अपने-आपको क्षुब्ध न होने दो तो शाश्वत अभिवक्त होंगे। सभी के लिए पूर्ण समानता रखो तो शाश्वत उपस्थित होंगे…।
संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…
मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…
... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…