… वर दे कि यह यंत्र तेरी सेवा करे और इस बात से सचेतन रहे कि यह एक यंत्र है और वर दे कि मेरी समस्त चेतना, तेरी चेतना में मिल कर सभी चीजों का तेरी दिव्य दृष्टि से ही अवलोकन करे।
हे प्रभों, प्रभों, वर दे कि तेरी परम शक्ति अभिव्यक्त हो; वर दे कि तेरा कार्य चरितार्थ हो तेरा सेवक पूरी तरह से तेरी सेवा के लिए ही समर्पित हो।
वर दे कि ‘अहं’ हमेशा के लिए गायब हो जाये, रह जाये केवल एक यंत्र।
संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…