माताजी, मैं अपनी चीजें बार-बार क्यों खोता रहता हूं ?
क्योंकि तुम चीजों को काफी हद तक अपनी चेतना में नहीं रखते।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…
मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…