श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

कैसी वृत्ति ?

वर्तमान बढ़ते हुए संघर्ष में हमारी वृत्ति कैसी होनी चाहिये?

‘भागवत कृपा’ में श्रद्धा और पूर्ण विश्वास ।

सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

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