श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

बेचैनी से बाहर निकालने का उपाय

हर बार जब तुम बेचैन होओ तो तुम्हें दोहराना चाहिये – बाह्य ध्वनि के बिना अपने भीतर बोलते हुए और साथ-साथ मेरा स्मरण करते हुए :

“शांति, शांति, मेरे हृदय।”

यह नियमित रूप से करो और इसके परिणाम से तुम प्रसन्न होगे।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शेयर कीजिये

नए आलेख

रूपान्तर होगा ही होगा

क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन…

% दिन पहले

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले

भारत की ज़रूरत

भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण,…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

एक ही शक्ति

माताजी और मैं दो रूपों में एक ही 'शक्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं - अतः…

% दिन पहले

पत्थर की शक्ति

पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…

% दिन पहले