जो लोग पूर्णयोग की साधना करना चाहते हैं उन्हें दृढ़ता के साथ यह सलाह दी जाती है कि वे इन तीन चीजों से परहेज करें :
१) लैंगिक समागम
२) धूम्रपान
३) मदिरा पान
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…