अनुभूति खोने का डर


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

बहुधा हम उस चीज से चिपके रहते हैं जो थी, हमें पिछली अनुभूति के परिणाम को खोने का डर रहता है, एक विशाल और उच्च चेतना को खोकर फिर से घटिया स्थिति में जा गिरने का डर रहता है। लेकिन हमें हमेशा सामने देखना और आगे बढ़ना चाहिये।

सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)


0 Comments