
केवल अंश ही
पूर्णयोग के साधक को यह अवश्य स्मरण रखना चाहिये कि कोई भी लिखित शास्त्र नित्य ज्ञान के केवल कुछ एक अंशों को ही प्रकट कर...
पूर्णयोग के साधक को यह अवश्य स्मरण रखना चाहिये कि कोई भी लिखित शास्त्र नित्य ज्ञान के केवल कुछ एक अंशों को ही प्रकट कर...
अगर मन चंचल हों तो योग की नींव डालना संभव नही । सबसे पहले यह आवश्यक है कि मन अचंचल हो । और व्यक्तिगत चेतना...
भागवत शक्ति को ग्रहण करने की क्षमता प्राप्त करने तथा तुम्हारे माध्यम से बाह्य जीवन की चीजों में इसे क्रियाशील होने देने के लिए तीन आवश्यक...
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक संपूर्ण होंगे उतना ही अधिक तुम कृपापात्र और सुरक्षित होओगे ! और यदि मां भगवती की कृपा और...
श्री मातृमंदिर के 4 प्रवेश द्वारों का श्री माँ द्वारा प्रदत्त आध्यात्मिक आशय : South ( दक्षिण) – महेश्र्वरी, North (उत्तर) – महाकाली, East (पूर्व) –...