
अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन
जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन और उसकी प्रभुत्व-सम्पन्न तथा...
जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन और उसकी प्रभुत्व-सम्पन्न तथा...
“श्रद्धा के साथ जो कोई भक्त मेरे जिस किसी रूप को पूजन चाहता है, मैं उसकी वही श्रद्धा उसमें अचल-अटल बना देता हूँ ।” वह...
प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह अर्थ है कि दोनों कि...
दिन में आधे घंटे का ध्यान संभव होना चाहिये – यदि चेतना में केवल एकाग्रता की आदत डालनी हो, जो पहले तो कार्य करते समय...
चैत्य पुरुष उन सबके लिए,जो आध्यात्मिक मार्ग के लिए बनें हैं, समान कार्य करता है – योग का अनुगमन करने के लिए लोगों को असाधारण...
… क्यों न सरल-सीधे ढंग से भगवान की ओर आगे बढ़ा जाये? सरल भाव से बढ्ने का मतलब है उन पर विश्वास रखना । यदि...
कब तक तुम इस मन के गोलाकार पथों पर चक्कर खाते रहोगे ? अपनी क्षुद्र अहम सत्ता और नगण्य वस्तुओं से घिरे रहोगे ? संदर्भ...
मेरी प्यारी माँ, मेरे अन्दर से उस समस्त अंधकार को निकाल दो जो मुझे अन्धा बना देता है और हमेशा मेरे साथ रहो । मैं...
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं कि उन्हें उनमें सुख प्राप्त होता है। प्रकृति केवल अपने...
ऐसा लगता है कि तुम्हारें अन्दर पुकार उठी है और संभवतः तुम योग करने के लिए उपयुक्त हो; लेकिन योग के अनेक पथ हैं और...