सावित्री

यात्रा की तैयारी

मानव का जीवन एक दीर्घ धूमिल मन्द तैयारी है, कठिन श्रम और आशा एवं युद्ध-शान्ति का घूमता क्रम है। जिसे…

% दिन पहले

जीवन

एक समर्थ महाप्राण अपनी आन्तरिक शक्तियों के साथ हमारी इस बौनी लघुता को सहारा देता है जिसे हम जीवन कह…

% दिन पहले

श्रीअरविंद की गायत्री

युग बदलते हैं और परिस्थितियों में परिवर्तन के साथ नए आदर्शों और नए मंत्रों की आवश्यकता होती है। प्रभु पुनः…

% दिन पहले

आश्वासन

देखा है जिन्होने मुझे, कभी न संतप्त वे। संदर्भ : सावित्री 

% दिन पहले

सावित्री अमृत-१

जो मन की पहुँच से अति परे है मैं वह परम गुह्यता हूं, सूर्यों की श्रमसाध्य परिक्रमाओं की मैं लक्ष्य…

% दिन पहले

रहस्य-ज्ञान-१५

संकुचित अनुभव की एक संकीर्ण झालर सम इस जीवन को जो हमारी बांट में आया है, पीछे छोड़ देते हैं,…

% दिन पहले

रहस्य-ज्ञान-१४

मन जिसे जानता नहीं था ऐसे सत्य ने अपना मुख प्रकटा दिया तब हम वह श्रवण कर सकते हैं, जो…

% दिन पहले

रहस्य-ज्ञान – १३

वर्तमान में हम जो देख पाते हैं वह आने वाली भावी की एक छाया मात्र है। संदर्भ : "सावित्री"

% दिन पहले

रहस्य-ज्ञान – १२

हमारे अन्तर में एक आकारहीन स्मृति अभी तक चिपकी है औ’ कभी-कभी, जब हमारी द़ृष्टि अन्तर्मुखी होती है, पार्थिवता का…

% दिन पहले

रहस्य-ज्ञान – ११

उन घड़ियों में जब अन्तर के प्रकाश दीप जल उठते हैं और इस जीवन के प्राणप्रिय अतिथि बाहर छूट जाते…

% दिन पहले