हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है ; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो…
तुम्हें अपने अध्यवसाय में सच्चा होना चाहिये ; तब तुम आज जो चीजें नहीं कर सकती उन्हें नियमित और आग्रहपूर्ण…
अपनी अशुद्धियों के बारें में बहुत अधिक सोचते रहने से सहायता नहीं मिलती। अच्छा तो यही है कि अपने मन…
कोई संगठन ठीक तरीके से चलें इसके लिए आवश्यक शर्तें है कि एक स्पष्ट और यथार्थ दृष्टि हो कि क्या…
प्र) मैं अपने चारों तरफ बादल ही बादल देख रहा हूँ जो मुझ तक आपके प्रकाश को आने नहीं दे…
जब तुम अपना प्रेम किसी और मनुष्य को देते हो तो प्राय: पहली भूल यह होती है कि तुम उस…
अगर हम अपरिहार्य रूप से अपनी व्यक्तिगत चेतना की चारदीवारी में बंद होते तो यह सचमुच दु:खद और अभिभूत करने…
व्यवस्था हम अवश्य करें, किन्तु व्यवस्था या नियम बनाने और उसके पालन में भी हमें सदा इस सत्य पर दृढ़…
ठीक उस समय जब हर चीज़ बद-से-बदतर होती हुई मालूम होती है, उसी समय हमें श्रद्धा का परम कर्म करना…
कल मैने लिखा था कि एक गंभीर स्थिरता है लेकिन आज केवल एक गंभीर विक्षोभ है ! एक ही…