श्रीमातृवाणी खण्ड १६

अत्यावश्यक कर्तव्य

जीवन की कठिन घड़ियों में हर एक का अत्यावश्यक कर्तव्य है भगवान के प्रति समग्र, अप्रतिबंध आत्म निवेदन में अपने…

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सुखी तथा सफल जीवन

सुखी तथा सफल जीवन के लिए सच्चाई, नम्रता, अध्यवसाय और प्रगति के लिए कभी न बुझने वाली प्यास जरूरी हैं…

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श्री माँ का पथ प्रदर्शन

माँ, ऐसी कौन-सी चीज़ है हो मुझे हमेशा यह याद रखने में सहायता देगी कि मैं आध्यात्मिक जीवन जी रहा…

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शांति और आनंद के लिए शर्त

जीवन में शांति और आनंद के लिए आवश्यक शर्त है, पूरी सच्चाई के साथ वही चाहना जो भगवान चाहते हैं।…

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आध्यात्मिक जीवन की बाधा

आध्यात्मिक जीवन में जो चीज़ बाधक है वह शारीरिक सुख-सुविधाओं को महत्व देना और अपनी कामनाओं को आवश्यकता मान बैठना…

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सोने के पहले एकाग्रता

जब तुम सोने के पहले एकाग्र होते हो तब तुम नींद में भागवत शक्ति के सम्पर्क में रहते हो। लेकिन…

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उच्चतर चेतना में उठने का उपाय

साधक : "उच्चतर चेतना में उठने या उस तक छलांग लगाने के लिए क्या किया जाये ? " श्रीमाँ :…

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चेतना का विकास

अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों को अपना समाधान मिल जायेगा।…

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ज्ञान और बुद्धि

मधुर माँ,  ज्ञान और बुद्धि क्या हैं ? क्या हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है ? ज्ञान और बुद्धि…

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भागवत कार्य में स्थान

भगवान मुझसे क्या चाहते है ? वे चाहते है कि पहले तुम अपने-आपको पा लो, कि तुम अपनी सच्ची सत्ता,…

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