श्रीअरविंद और श्रीमाँ की दिव्य लीला

श्रीमाँ की शक्ति

प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह…

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फटी क़मीज़

१ : उन दिनों की बात है जब श्रीमाँ साधकों को अपने कर कमलों से सूप वितरित करती थी। एक…

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भय मन में होता है

नलिनी कांत गुप्त की नववधू इन्दुलेखा आश्रम आईं।  यह उन दिनों की बात है जब श्रीअरविंद ने एकांतवास आरम्भ नहीं…

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अश्विनी कुमार

स्वर्गीय श्री पृथ्वीसिंह नाहर ने बताया, "एक दिन निद्रा की स्थिति में मुझे अचानक अपने ह्रदय में कुछ बेचैनी और…

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श्रीअरविंद के दर्शन

श्रीअरविंद के देहत्याग के बाद श्रीमाँ ने उस कक्ष में से दर्शन देना बन्द कर दिया जिसमें वे श्रीअरविंद के…

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श्रीमाँ के पास

जब श्रीमाँ सामूहिक ध्यान कराती थीं, उदाहरण के लिये आश्रम की क्रीड़ास्थली में, उस समय उनके चतुर्दिक एकत्रित लोगों के…

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आश्वासन

श्रीमाँ तथा श्रीअरविंद की सहायता हमेशा तुम्हारें लिए प्रस्तुत है । तुम्हें पूरी तरह से उसके प्रति मुड़ना-भर है और…

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प्रभु द्वारा लिखित कुछ …

यह लगभग तीन दशक पूर्व की बात है। मुझे रह-रहकर बहुत मानसिक पीड़ा होती थी कि  मुझे कभी श्रीअरविंद के…

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व्यायाम का महत्व

आश्रम में प्रायः सभी साधक एक-दो घंटे व्यायाम करते हैं। स्वर्गीय परिचंद एक विद्वान व्यक्ति थे और अध्ययन के बहुत…

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पश्चिमी पोशाक में

एक बार कृष्णा आदिनाथ ने स्वप्न में श्रीअरविंद के दर्शन किये । उस समय वे तरुण लग रहे थे, दाढ़ी…

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