एक चीज़ के बारे में तुम निश्चित हो सकते हो - तुम्हारा भविष्य तुम्हारें ही हाथो में है। तुम वही…
भगवान जब बुरी-से-बुरी परीक्षा लेते हैं तब वह अच्छे-से-अच्छा पथ दिखाते हैं, जब वह कठोरतापूर्वक दण्ड देते है तब वह…
मेरी निम्न प्रकृति वही मूर्खतापूर्ण चीज़ें करती चली जा रही है । केवल आप ही उसे बदल सकती है। 'आपकी…
यह समझो कि तुम्हारा जीवन तुम्हें केवल भागवत कर्म के लिए और भागवत अभिव्यक्ति में सहायता देने के लिए दिया…
आपने लिखा था, "काम में रस होना चाहिये। " लेकिन मैं पूर्ण रस या मजा नहीं ले पाता। कार्य की…
न कोई आनंद, न बल। पढ़ने-लिखने की इच्छा भी नहीं होती-मानो कोई मुर्दा आदमी चल - फिर रहा हो। आप…
हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बंद कर रखा है,…
लोगो को कृपा की क्रिया का भान तक नहीं होता जब तक कोई खतरा न आ जाये, यानी, जब तक…
मधुर माँ, हम निश्चय के साथ कब कह सकते है कि हमने श्रीअरविंद का योग शुरू कर दिया है ?…
जब हमारे अंदर का ज्ञान नया होता है तब वह अजेय होता है; जब वह पुराना हो जाता है तब…