... क्यों न सरल-सीधे ढंग से भगवान की ओर आगे बढ़ा जाये? सरल भाव से बढ्ने का मतलब है उन…
स्थिरता और तमस में घपला मत करो। स्थिरता है, आत्म-संयत शक्ति, अचंचल और सचेतन ऊर्जा, आवेशों पर प्रभुत्व और अचेतन…
भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष…
स्वयं मुझे यह अनुभव है कि तुम शारीरिक रूप से, अपने हाथों से काम करते हुए भी पूरी तरह ध्यानस्थ…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…
मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…
अगर वह दूर से सहायता ग्रहण नहीं कर सकता तो यहाँ रह कर योग जारी रखने की आशा कैसे कर…
कोई भी हर व्यक्ति को हर चीज़ बताने के लिए बाध्य नहीं है - इससे प्राय: अच्छा होने की अपेक्षा…
भगवान् तुम्हारी अभीप्सा के अनुसार तुम्हारे साथ हैं । स्वभावत:, इसका यह अर्थ नहीं है कि वे तुम्हारी बाह्य प्रकृति…
यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का…