व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये

सरल तरीका

... क्यों न सरल-सीधे ढंग से भगवान की ओर आगे बढ़ा जाये? सरल भाव से बढ्ने का मतलब है उन…

% दिन पहले

स्थिरता का तात्पर्य

स्थिरता और तमस में घपला मत करो। स्थिरता है, आत्म-संयत शक्ति, अचंचल और सचेतन ऊर्जा, आवेशों पर प्रभुत्व और अचेतन…

% दिन पहले

भय – एक अपवित्रता

भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष…

% दिन पहले

भगवान से दूरी ?

स्वयं मुझे यह अनुभव है कि तुम शारीरिक रूप से, अपने हाथों से काम करते हुए भी पूरी तरह ध्यानस्थ…

% दिन पहले

समस्त क्रिया कलापों का उत्सर्ग

मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…

% दिन पहले

गुफा की साधना

मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…

% दिन पहले

दूर रह कर सहायता ग्रहण करना

अगर वह दूर से सहायता ग्रहण नहीं कर सकता तो यहाँ रह कर योग जारी रखने की आशा कैसे कर…

% दिन पहले

बाध्यता

कोई भी हर व्यक्ति को हर चीज़ बताने के लिए बाध्य नहीं है - इससे प्राय: अच्छा होने की अपेक्षा…

% दिन पहले

अभीप्सा के अनुसार

​भगवान् तुम्हारी अभीप्सा के अनुसार तुम्हारे साथ हैं । स्वभावत:, इसका यह अर्थ नहीं है कि वे तुम्हारी बाह्य प्रकृति…

% दिन पहले

श्रीअरविंद आश्रम के बाहर

यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का…

% दिन पहले