ठीक करना और मिटाना, दोनों सम्भव हैं लेकिन दोनों हालतों में, यद्यपि अलग-अलग मात्रा में, स्वभाव और चरित्र के रूपान्तर…
माताजी, क्या भगवान् अन्याय के दण्ड देते हैं ? क्या भगवान् के लिये किसी को दण्ड देना सम्भव है ?…
जब कोई काम करना हो तब उसके बारे में जितना ही कम बोलो उतना ही अच्छा है । संदर्भ :…
सारा काम खेल होना चाहिए, लेकिन वह हो दिव्य लीला, जिसे स्वयं भगवान के साथ और भगवान के लिये खेला…
यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में तुम्हें उसकी जरूरत नहीं होती…
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियां में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…
एक सामान्य नियम के रूप में ज्यादा अच्छा यह है कि जो चीजें तुम्हारे काम से सम्बन्धित नहीं हैं उनमें…
जब हम मानसिक प्रवुत्तियों में अथवा बुद्धि के व्यापारों में एकाग्र रहते हैं, तब कभी-कभी भगवान को क्यों भूल जाते…
तुम जो कुछ करो उसमें मज़ा लेने की कोशिश करो । तुम जो कुछ करो उसमें तुम्हें रस हो तो…
अध्यवसाय के द्वारा ही तुम कठिनाइयों को पार कर सकते हो, उनसे भाग कर नहीं । जो अध्यवसाय करता है…