तुम जो कुछ करो उसमें मज़ा लेने की कोशिश करो ।
तुम जो कुछ करो उसमें तुम्हें रस हो तो तुम उसे मज़ा लेकर कर सकते हो।
तुम जो करते हो उसमें रस लेने के लिये तुम्हें उसे आधिकाधिक अच्छी तरह करने की कोशिश करनी चाहिये ।
सच्चा आनंद प्रगति करने से आता है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते…
यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
उनके लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है जो भगवान को सच्चाई के साथ पुकारते हैं…