तुम जो कुछ करो उसमें मज़ा लेने की कोशिश करो ।

तुम जो कुछ करो उसमें तुम्हें रस हो तो तुम उसे मज़ा लेकर कर सकते हो।

तुम जो करते हो उसमें रस लेने के लिये तुम्हें उसे आधिकाधिक अच्छी तरह करने की कोशिश करनी चाहिये ।

सच्चा आनंद प्रगति करने से आता है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)

शेयर कीजिये

नए आलेख

भावना

अगर तुम सचमुच भगवान से प्रेम करते हो तो इसे चुपचाप और शांत रहकर प्रमाणित…

% दिन पहले

तेरी नयी अभिव्यक्ति

... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते…

% दिन पहले

परिश्रम और ऊर्जा

यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में…

% दिन पहले

दासता

बुरी चीज़ है दासता, चाहे वह परहेज की दासता हो या आवश्यकताओं की। हमारे पास…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

कुछ भी मुश्किल नहीं

उनके लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है जो भगवान को सच्चाई के साथ पुकारते हैं…

% दिन पहले