माताजी के विषय में

मिथ्यात्व का नोटिसमिथ्यात्व का नोटिस

मिथ्यात्व का नोटिस

अब अपनी प्राण-सत्ता के द्वार पर यह नोटिस लगा दो : 'अब यहाँ किसी मिथ्यात्व का आना माना है।' और…

% दिन पहले
माँ की वाणी सुनने की तैयारीमाँ की वाणी सुनने की तैयारी

माँ की वाणी सुनने की तैयारी

यह कब कहा जा सकता है कि व्यक्ति आन्तरिक रूप से माँ की वाणी सुनने को तैयार है ? जब…

% दिन पहले
एक नियमएक नियम

एक नियम

एक नियम मैं तुम्हारे लिए निश्चित कर सकता हूँ, ऐसा कोई काम मत करो, ऐसी कोई बात मत कहो या…

% दिन पहले
महत्वपूर्ण सिद्धान्तमहत्वपूर्ण सिद्धान्त

महत्वपूर्ण सिद्धान्त

न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…

% दिन पहले
व्यक्तिगत इच्छा का रूपान्तरणव्यक्तिगत इच्छा का रूपान्तरण

व्यक्तिगत इच्छा का रूपान्तरण

सबसे पहले हमें अपनी इच्छा को श्रीमाँ की इच्छा के साथ युक्त कर देना चाहिए और यह समझना चाहिए कि…

% दिन पहले
अवतार की आवश्यकताअवतार की आवश्यकता

अवतार की आवश्यकता

जब कोई विशेष कार्य करना होता है तब अवतार की आवश्यकता होती है। अवतार विशेष अभिव्यक्ति होते हैं जब कि…

% दिन पहले
आत्मदानआत्मदान

आत्मदान

भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग…

% दिन पहले
समुचित मनोभावसमुचित मनोभाव

समुचित मनोभाव

सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें लक्ष्य की ओर ले जाने…

% दिन पहले
पूर्ण योग कोई नहीं कर सकतापूर्ण योग कोई नहीं कर सकता

पूर्ण योग कोई नहीं कर सकता

यह कहा जा सकता है कि मैं पूर्णयोग कर रहा हूँ ? प्रत्येक व्यक्ति जो श्रीमाँ की ओर मुड़ा है, …

% दिन पहले
कैसे खुला जाये ?कैसे खुला जाये ?

कैसे खुला जाये ?

भगवती माँ की और कैसे खुला जाये ? शांत मन में श्रद्धा और समर्पण द्वारा । संदर्भ : माताजी के…

% दिन पहले