श्री माँ के वचन

अचंचल कैसे रहा जाये?

हे प्यारी मां, जब कोई मुझसे बातें करे तो मुझे अचंचल रहना सिखाइये, क्योंकि, बाद में मेरा मन भटकता है।…

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पूर्ण सच्चाई

पूर्णतः सच्चा होनेके लिये यह आवश्यक है कि कोई पसंदगी, कोई कामना, कोई आकर्षण, कोई नापसंदगी, कोई सहानुभूति या विद्वेष,…

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आनंद

भगवान् पर संपूर्ण भरोसा करने में ही आनंद है। सन्दर्भ : श्री मातृवाणी (खण्ड-१६)

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सच्चा पुनरुज्जीवन

हमारे लिए, पुनरुज्जीवन का अर्थ है, पुरानी चेतना का झड़ जाना; लेकिन यह केवल पुनर्जन्म नहीं है जो अतीत के…

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आपसे दूरी

हे माँ, मैं आपसे सचमुच बहुत दूर हूँ ! इसका कारण यह है कि तुम बहुत बिखरे हुए हो -…

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श्रीमाँ की प्रार्थना

(श्रीमाँ  श्रीअरविंद से २९ मार्च १९१४ को पहली बार मिली थीं और यह प्रार्थना उन्होने १ अप्रैल १९१४ को लिखी…

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तुम्हारी दिलचस्पी

वास्तविक तथ्य यह है कि विश्व में जिस चीज़ में तुम्हारी दिलचस्पी है - सीधे या घुमावदार रूप में, वह…

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आध्यात्मिक जीवन का आरंभ

मां, हमारा सच्चा आध्यात्मिक जीवन कहां से आरम्भ होता है? सच्चा आध्यात्मिक जीवन तब आरम्भ होता है जब मनुष्य को…

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श्रीअरविंद की शिक्षा

तुम्हारी मुख्य भूल यह थी कि तुमने श्रीअरविन्द की शिक्षा को आध्यात्मिक शिक्षाओं में से एक मान लिया- और यहां…

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वही सोचो जो तुम बनना चाहते हो

हमारा भूतकाल चाहे जो भी रहा हो, हमने चाहे जो भी भूलें की हों, हम चाहे जितने अज्ञान में क्यों…

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