बाहरी रंग-रूप से निर्णय न करो और लोग जो कहते हैं उस पर विश्वास न करो, क्योंकि ये दोनों चीज़ें…
भगवान् तुम्हारी अभीप्सा के अनुसार तुम्हारे साथ हैं । स्वभावत:, इसका यह अर्थ नहीं है कि वे तुम्हारी बाह्य प्रकृति…
मां, ग्रहणशीलता किस बात पर निर्भर करती है? इसका पहला आधार है सच्चाई-व्यक्ति सचमुच ग्रहण करना चाहता है या नहीं-और…
तुम्हारे अन्दर जो चीज साधारण जीवन से आसक्त है और जो भागवत जीवन के लिए अभीप्सा करती है, उन दोनों के बीच…
... यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा…
सत्य वृत्ति है विश्वास की वृत्ति, आज्ञाकारिता की वृत्ति, निवेदन की वृत्ति । संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५
आत्म-अनुशासन के बिना कोई जीवन सफल नहीं हो सकता । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
जब तुम भौतिक जीवन की कोई चीज़ बदलना चाहो, चाहे वह चरित्र हो या अंगो की संचालन-क्रिया हो या आदतें,…
सच्ची बीमारी भय हैं । भय को दूर फेंक दो तो बीमारी चली जायेगी। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
ठीक करना और मिटाना, दोनों सम्भव हैं लेकिन दोनों हालतों में, यद्यपि अलग-अलग मात्रा में, स्वभाव और चरित्र के रूपान्तर…