श्री माँ के वचन

प्रगति का मापदण्ड

मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में प्रगति कर रहे हैं या…

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पिछले कर्म

क्या पिछले कर्म साधना के मार्ग में नहीं आयेंगे ? तुम भूतकाल में जो कुछ भी रहे हो उसे भगवान…

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ज्योतिर्मय वातावरण

.... जब तुम अच्छे हो, जब तुम उदार हो, महान, निःस्वार्थ और परोपकारी हो तो तुम अपने अन्दर, अपने चारों…

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शान्ति

शान्ति, समस्त भू पर शान्ति! वर दे कि सभी सामान्य चेतना से बच निकलें और जड़-भौतिक वस्तुओं के लिए आसक्ति…

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आज्ञापालन

माताजी, मैं जानना चाहूंगा कि क्या मैं काम में अपने-आपको समर्पण कर पाने के बिन्दु तक पहुंच गया हूं? मुझे…

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चैत्य अग्नि

... चैत्य अग्नि को कैसे प्रज्वलित किया जाये? अभीप्सा के द्वारा। प्रगति करने के संकल्प के द्वारा, पूर्णता-प्राप्ति की उत्कण्ठा…

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संकरे विचार से छुटकारा

. . . जब तुम्हें लगे कि पूरी तरह किसी संकरे, सीमित विचार, इच्छा और चेतना में बंद हो, जब…

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आश्रम में रहना आसन नहीं

बाहरी दिखावों से निर्णय न करो और लोग जो कहते हैं उस पर विश्वास न करो, क्योंकि ये दोनों चीजें…

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माता-पिता के प्रति कर्तव्य

माताजी, क्या यह सच नहीं है कि पुत्र अपने पिता की सेवा करने के लिए बाध्य है ? एकमात्र उसी…

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डर के कारण बीमारी

क्या कोई डर के कारण बीमार हो सकता है? हां। मैं एक आदमी को जानती थी जो इतना अधिक डरा…

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