श्री माँ के वचन

सहन करो

मेरे बच्चे सहन करो! और पूरी श्रद्धा रखते हुए परम प्रभु के हृदय में बस एक नवजात शिशु की तरह…

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मुस्कुराते रहो

कभी मत बुड़बुड़ाओं। जब तुम बुड़बुड़ाते हो तो तुम्हारें अंदर सब तरह की शक्तियाँ घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे…

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वर दे

... वर दे कि यह यंत्र तेरी सेवा करे और इस बात से सचेतन रहे कि यह एक यंत्र है…

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दिव्यत्व कैसे ?

स्वयं को ब्रह्मांड की अंतिम सीमाओं और उससे भी आगे तक फैला दो। स्वयं के ऊपर ले लो विकास की…

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सच्ची विनम्रता

अगर तुम किसी सच्चे वैज्ञानिक से मिलो जिसने कठोर परिश्रम किया हो, तो वह तुमसे कहेगा : "हम कुछ नहीं…

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पराजय का विचार

जब भी कोई हार जाने वाला सुझाव हो - चाहे एक स्पंदन, एक विचार या और कुछ भी - तुम…

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श्रद्धा की निगरानी

श्रद्धा निश्चित रूप से हमें भागवत कृपा द्वारा दिया गया उपहार है। ... अपनी श्रद्धा की उसी तरह निगरानी करनी…

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आनंद में कैसे रहें ?

मैंने तुम्हारी प्रार्थना को 'परम प्रभु' के सामने रख दिया है । लेकिन अगर तुम 'आनन्द' में रहना चाहते हो…

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असामञ्जस्य

मधुर मां, सचमुच मुझे लगता है कि यहां हमारे और हमारे विभिन्न विभागों के बीच सामञ्जस्य का बहुत अभाव है…

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अध्यवसाय

मधुर माँ, मुझे अपने काम पर विश्वास नहीं है। मैं बहुत शर्मिला हूँ, मेरा खयाल है कि प्रगति करने के…

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