श्री माँ के वचन

सबसे उत्तम मार्ग

संतुलन अनिवार्य है, जो पथ सावधानतापूर्वक विपरीत चरमावस्थाओं से बचता है वह अनिवार्य है, अत्यधिक जल्दबाज़ी खतरनाक है, अधैर्य आगे…

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भगवान का उत्तर

जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न…

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विश्वास

जिसकी सचमुच जरूरत होगी, वह चीज़ अवश्य आयेगी । आशीर्वाद ! संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

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श्रद्धा और भरोसा का अन्तर

भगवान पर श्रद्धा रखने और भरोसा करनें में क्या अन्तर है ? जैसा कि श्रीअरविंद ने लिखा है, श्रद्धा भरोसे…

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मानव मूल्यांकन

[कप्तान (खेल-कूद के प्रशिक्षण) के चरित्र के बारे में किसी की टिप्पणी के विषय में ] लोग जो कुछ कहते…

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समस्त क्रिया कलापों का उत्सर्ग

मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…

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स्वतंत्र सत्ता

हर के के अन्दर अपने अहंकार होते हैं और सभी अहंकार एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। आदमी स्वतंत्र सत्ता तभी…

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आर्थिक समस्या का समाधान

क्या चेतना के सुधार से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है? यदि "चेतना के सुधार" का मतलब है…

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गुफा की साधना

मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…

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रूपांतर

बाहर के सारे शोर को चुप कर दो, भगवान की सहायता के लिए अभीप्सा करो। जब वह आये तो उसकी…

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