श्रीअरविंद के वचन

अवतार के आने का आन्तरिक फल

भगवान् के अवतार के आने का आन्तरिक फल उन लोगों को प्राप्त होता है जो भगवान् की इस क्रिया से…

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श्री रामकृष्ण से प्राप्त तीन सन्देश

.... १८ अक्तूबर... श्री रामकृष्ण से तीसरा और अन्तिम सन्देश मिला। पहला सन्देश बड़ौदा में मिला था, “अरबिन्दो, मन्दिर करो,…

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श्रीकृष्ण के पास सीधा जाना आसान नहीं

... श्रीकृष्ण के पास सीधा जाना सुरक्षित अथवा आसान नहीं है: यह कभी-कभी भीषण रूप से खतरनाक हो सकता है,…

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सन्देहवाद

आध्यात्मिक चेतना एक नवीन चेतना है जिसे विकसित होना है और जो विकसित होती आ रही है। ...परन्तु ज्योति, शान्ति…

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अंतर्दर्शन,अनुभूति और साक्षात्कार

जब तुम प्रकाश को देखते हो तो इसे अंतर्दर्शन कहते है । जब तुम प्रकाश को अपने अन्दर प्रवेश करता…

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वासुदेवः सर्वम् इति

वासुदेवः सर्वम् इति का यही अर्थ है कि यह सारा जगत् भगवान् है, इस जगत् में जो कुछ है और…

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मुक्ति की ओर जाने का मार्ग

अपनी दुर्बलताओं तथा मिथ्या गतियों को पहचानना और उनसे पीछे हटना मुक्ति की ओर जाने का मार्ग है। किसी अन्य…

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प्रयत्न कभी नहीं छोड़ना चाहिये

बस, इसी श्रद्धा को तुम्हें अपने अन्दर विकसित करने की आवश्यकता है-युक्ति-तर्क और साधारण समझ के साथ मेल खाने वाली…

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हमारा एकमात्र कर्तव्य

भूल या सजा देने का कोई प्रश्न ही नहीं है-अगर हम लोगों को उनकी भूलों के लिए अपराधी ठहरायें या…

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