श्रीअरविंद के वचन

प्रकाश क्या है

हमारी असमर्थता के भाव ने ही अंधकार का अन्वेषण किया है। वास्तव में 'प्रकाश' के सिवाय और कुछ नहीं हैं।…

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माँ के साथ आन्तरिक निकटता

वे माँ के बालक हैं और उनके सबसे निकट हैं जो उनकी और उद्घाटित हैं, अपनी आंतरिक सत्ता में उनके…

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हमारा कार्य

उस कार्य को करने के लिए ही हमने जन्म किया ग्रहण, कि जगत को उठा प्रभु तक ले जाएं, उस…

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सारा जग का आश्रय

सागर के समान अपनी करुणा औ' मन्दिर की-सी नीरवता को लेकर उसकी आन्तर सहायता, सबके ही लिए द्वार अब दीव…

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अनुभव का प्रकाश

सर्वदा अनुभव करो और अपने बढ़ते हुए अनुभवों के प्रकाश में कार्य करो, पर केवल तर्क-वितर्क करने वाले मस्तिष्क के…

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समर्पण में आलस्य और दुर्बलता

श्रद्धा, भगवान् के ऊपर निर्भरता, भागवत शक्ति के प्रति आत्म-समर्पण और आत्मदान-ये सब आवश्यक और अनिवार्य हैं। परन्तु भगवान् के…

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समय और अभिव्यक्ति

जिस प्रकार किसी तारे का प्रकाश उस तारे के मिट जाने के सैकड़ों वर्ष बाद पृथ्वी पर पहुंचता है, उसी…

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श्री माँ का संपर्क

श्रीमाँ का संपर्क सारे दिन और सारी रात भी बना रहता है । अगर तुम सारे दिन उनके साथ उचित…

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वरदहस्त की सुरक्षा

एक मृत घूमते ब्रह्माण्ड में जीवित हम यहां ऐसे ही एक आकस्मिक भूमण्डल पर नहीं आये हैं जैसे अपनी शक्ति…

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