श्रीअरविंद के वचन

भगवान की इच्छा

तुम्हें बस शान्त-स्थिर और अपने पथ का अनुसरण करने में दृढ़ बनें रहना है और तुम अन्त तक पहुँच जाओगे।…

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गुप्त अभिप्राय

... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं रहता, क्योंकि प्राण उन्हें मन…

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सूर्यालोकित पथ

सूर्यालोकित पथ का ऐसे लोग ही अनुसरण कर सकते हैं जिनमें समर्पण की साधना करने की क्षमता है, पहले तो…

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भगवान का प्रेम

झूठे गर्व से बच कर रहो - वह केवल विनाश की ओर ले जाता है ।  और भगवान के प्रेम…

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दुःख के स्तर

भगवान हमें जो दु:ख देता हैं उसके चार स्तर होते हैं : (१) जब वह केवल दु:ख ही होता है…

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भगवान की परीक्षा

भगवान जब बुरी-से-बुरी परीक्षा लेते हैं तब वह अच्छे-से-अच्छा पथ दिखाते हैं, जब वह कठोरतापूर्वक दण्ड देते है तब वह…

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आखिर कब ?

इन मायावी वनों में एक देवशिशु खेल रहा है, आत्मभाव की धाराओ के तट पर बंशी बजाता रसमाधुरी बहा रहा…

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अहंकारी भावना

स्वाभाविक है कि महानतर अनुभूतियाँ होने पर सत्ता उल्लासित हो उठती है, साथ-ही-साथ उसमें अद्भुतता तथा चमत्कार का भाव भी…

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आत्मसमर्पण

एक बच्चे की तरह बन जाना और अपने-आपको संपूर्णत: दे देना तब तक असंभव है, जब तक कि चैत्य पुरुष…

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तुम्हारा लक्ष्य

भगवान ने तुम्हें इसलिए अपना नहीं बनाया है कि तुम मनुष्यों की प्रशंसाओं को एकत्र करो, बल्कि इसलिये बनाया है…

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