कोई क्या कर रहा है या नहीं कर रहा इसके बारे में गप्पबाज़ी करना ग़लत है। ऐसी गप्प को सुनना…
११ अप्रैल १९७३ . . . माँ, दर्शन के लिए आपको हमें एक संदेश देना है (२४ अप्रैल का दर्शन)…
. . . बहुत कम लोग हैं, बहुत ही कम, उनकी संख्या न के बराबर है, जो सच्ची धार्मिक भावना…
अंदर की बेचैनी ही तुम्हें आंतरिक और बाह्य रूप से नींद लेने से रोकती हैं। अच्छी नींद के लिए मन,…
किसी बच्चे को देने-लायक़ सबसे अनमोल उपहार है उसमें सीखने के लिए ललक पैदा करना, हमेशा और हर जगह सीखते…
पूर्ण अचेतनता नाम की कोई चीज़ नहीं है - नितान्त अज्ञान जैसी, निपट रात जैसी कोई चीज़ नहीं। समस्त अवचेतनता…
काम में व्यवस्था और सामंजस्य होने चाहियें। जो काम यूँ देखने में बिलकुल नगण्य हो उसे भी पूर्ण पूर्णता के…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया-कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें । इसका…