श्री माँ

प्रथम अतिमानसिक अवतरण

(आश्रम के क्रीड़ांगण में २९ फरवरी १९५६ को बुधवार के सार्वजनिक ध्यान के समय) आज की सांझ तुम लोगों के…

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धम्मपद की शिक्षा

मूलतः धम्मपद के सूत्रों से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति के लिए दिखायी देने की अपेक्षा होना अधिक आवश्यक…

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मृत व्यक्ति से सम्बंध

इस दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि यदि तुम्हारा किसी मृत व्यक्ति के साथ, जो शरीर छोड़ चुका है,…

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नैतिकता

प्यारी मां, क्या नैतिकता ने हमें अपनी चेतना को बढ़ाने में सहायता नहीं पहुंचायी है?   यह निर्भर करता है लोगों…

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मन को खाली कैसे करें ?

मधुर मां, हम अपने मन को सब विचारों से खाली कैसे कर सकते हैं? जब हम ध्यान में इसके लिए…

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महत्त्व केवल लक्ष्य का है

५३-धार्मिक सम्प्रदायों के झगड़े उन बर्तनों के आपसी विवाद के समान हैं जिनमें अमरता देने वाला अमृत भरा जायेगा। उन्हें…

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सच्चा विश्राम

मैं अत्यन्त बुद्धिशाली, श्रेष्ठ कलाकार लोगों से परिचित थी जो, जैसे ही वे "शिथिल होना" आरम्भ करते, एकदम मूढ़ बन…

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अनिवार्य अवस्था

जो कुछ ग्रहणशील नहीं है वह सब कुचले जाने का अनुभव करता है, लेकिन जो ग्रहणशील है वह इसके विपरीत…

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