श्री माँ

भागवत कृपा की प्राप्ति

भागवत कृपा हमेशा रहती है, शाश्वत रूप से उपस्थित और सक्रिय; लेकिन श्रीअरविंद कहते हैं कि हमारे लिए उसे ग्रहण…

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सतत और निर्विकार उपस्थिती

भगवान सब जगह, सब चीजों में हैं, उन चीजों में भी जिन्हें हम फेंक देते हैं और उनमें भी जिन्हें…

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तेरी सेवा

गहरे और मौन निदीध्यासन या लिखित या अलिखित ध्यान की जगह हमें हर क्षण की क्रियाशीलता में तेरी सेवा करनी…

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एक अनिवार्य अनुशासन

यही कभी न भूलो कि मैं झगड़ों को पसंद नहीं करती और दोनों ही पक्षों को समान रूप से गलत…

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स्थिरता

प्र) मैं अपने चारों तरफ बादल ही बादल देख रहा हूँ जो मुझ तक आपके प्रकाश को आने नहीं दे…

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डर का कारण

मधुर माँ , हमें डर क्यों लगता है, डर कहाँ से आता है ?   उ.) भय विरोधी शक्तियों की…

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अतिमानस की स्थायी उपस्थिती

जब अतिमानसिक दैहिक मन में अभिव्यक्त होगा, केवल तभी उसकी उपस्थिती स्थायी हो सकती है । संदर्भ : माताजी के…

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दुश्मन को तहस-नहस

आत्मविश्वास से और भगवान् पर श्रद्धा से भरी हंसी दुश्मन को सबसे अधिक तहस-नहस कर देने वाली शक्ति है - वह…

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प्रार्थना

हे प्रभों, तू मेरा आश्रय और मेरा वरदान है, मेरा बल, मेरा स्वस्थ्य, मेरी आशा और मेरा साहस है ।…

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ज्योतिषियों की बात

तुम ज्योतिषियों की बात पर विश्वास ही क्यों करते हो ? यह विश्वास ही मुश्किल लाता है ।   श्रीअरविन्द कहते हैं कि मनुष्य अपने…

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