श्री माँ

पूर्ण निष्पक्षता कैसे ?

जो मनुष्य पसंदगी और नापसंदगी से, कामनाओं-वासनाओं से, और अपनी अभिरुचियों से एकदम ऊपर उठ गया है, वही प्रत्येक चीज…

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नया धर्म ?

तुम श्रीअरविन्द पर अपनी श्रद्धा अमुक शब्दों में अभिव्यक्त करते हो और तुम्हारे लिए ये ही इस श्रद्धा की सर्वोत्तम…

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संगति का असर

इस छोटे-से अभ्यास को करने का प्रयत्न करो। दिन के आरम्भ में कहो, "जो कुछ मुझे कहना होगा उस पर…

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सहन करो

सहते चलो और तुम्हारी विजय होगी। विजय सबसे अधिक सहनशील के हाथों में आती है। और भागवत कृपा और भागवत…

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सच्चा मित्र

वस्तुतः, तुम्हें केवल उन्हीं व्यक्तियों को अपने मित्र के रूपमें चुनना चाहिये जो तुमसे अधिक बुद्धिमान् हों, जिनकी संगति तुम्हें…

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आराम करना

जैसे ही तुम सन्तुष्ट हो जाते हो और किसी चीज के लिए अभीप्सा नहीं करते, तुम मरना शुरू कर देते…

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श्रीमाँ के संदेश

(भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के श्रीअरविंद आश्रम आने पर माताजी ने उन्हें यह संदेश दिये थे। ) भारत…

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सही मनोभाव

हमारा काम चाहे जो हो, हम चाहे जो करते हों, हमें उसे सचाई, ईमानदारी और अति सावधानी के साथ करना…

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शरीर के दर्द

वस्तुतः मैं तुम्हें विश्वास दिला सकती हूं कि पेट में दर्द और अन्य बहुत-से असुख ९० प्रतिशत गलत तरीके से…

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तीन शर्ते

एक ऐसा कार्य जिसका लक्ष्य है पार्थिव प्रगति, तब तक नहीं शुरू किया जा सकता जब तक उसे भगवान् की…

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