आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना…
एक चीज़ जो महत्वपूर्ण है वह है - आन्तरिक मनोभाव को बनाये रखना और सभी बाहरी परिस्थितियों से मुक्त होकर…
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियां में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…
स्वाभाविक है कि महानतर अनुभूतियाँ होने पर सत्ता उल्लासित हो उठती है, साथ-ही-साथ उसमें अद्भुतता तथा चमत्कार का भाव भी…
अपनी सभी गतिविधियां में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…
भगवान ही अधिपति और प्रभु हैं - आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शांत साक्षी बनी रहती है और सभी वस्तुओं…
कोई भी व्यक्ति अपनी चेतना को मानसिक और प्राणिक स्तर से ऊपर उठा सकता है और ऊपर से शक्ति, आनंद,…
क्या आपके कार्य तथा श्रीमाँ के कार्य में कोई अन्तर है - मेरा मतलब है कि शक्ति की प्रभावकारिता में…
पहले से यह निर्धारित मत करो कि तुम्हारा आदर्श किस समय और किस तरीके से पूरा होगा। कार्य करो और…