जो भी पूर्णता के मार्ग पर बढ़ना चाहता है उसे मार्ग में आने वाली कठिनाइयों के बारे में कभी शिकायत…
मन हमेशा सक्रिय रहता है, किन्तु हमलोग पूरी तरह से यह नहीं देखते कि यह क्या कर रहा है, पर…
सभी जगह मनुष्यों और उनका स्वभाव एक ही होता है। लेकिन मैं उनके दोषों और दुर्बलताओं को नहीं देखती, मैं…
मैं हमेशा ऊपर की ओर देखती हूँ । 'सौन्दर्य', 'शांति' ,'प्रकाश' वहाँ मौजूद हैं, वे नीचे आने के लिए तैयार…
अधः लोक की अन्ध शक्तियाँ अब भी किन्तु प्रबल हैं। आरोहण की गति धीमी है, लम्बा बहुत समय है। तब…
जैसे ही मनुष्य को यह विश्वास हो जाये कि एक जीवन्त और वास्तविक 'सत्य' इस यथार्थ जगत् में व्यक्त होने…
मनुष्य को जो कुछ उसे मिलता है उससे संतुष्ट रहना चाहिये फिर भी शांत- रूप से, बिना संघर्ष के, और अधिक…
ध्यान का भारतीय भाव व्यक्त करने के लिए अंग्रेजी में दो शब्दों का प्रयोग किया जाता है, "मेडिटेशन" तथा "कण्टेम्पलेशन"।…
मनुष्य अपनी वास्तविक प्रकृति में... एक आत्मा है जो मन, प्राण तथा शरीर का उपयोग व्यक्तिगत तथा सामुदायिक अनुभव के…
मधुर माँ , आपने लिखा है, "सब त्यागों में अपनी अच्छी आदतों को त्यागना सबसे कठिन है।" इससे आपका ठीक-ठीक…