भगवान् के प्रति पूर्ण आत्मदान के लिए तीन विशेष विधियां : १. सारे गर्व को त्याग कर पूर्ण नम्रता के…
मधुर माँ, ज्ञान और बुद्धि क्या हैं ? क्या हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है ? ज्ञान और बुद्धि…
अहंकार के खेल के बिना कोई संघर्ष न होंगे और अगर प्राण में नाटक करने की वृत्ति न हो तो…
१. कोई महत्त्वाकांक्षा न रखो, और सबसे बढ़कर यह कि किसी चीज का दिखावा न करो, हर क्षण, तुम अधिक-से-अधिक…
हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, सम्भाले रखना चाहिये और…
स्पष्टतः, अभी यह एक संक्रमण-काल है जो काफ़ी लम्बे समय तक रह सकता है और है भी कष्टदायक। कभी-कभी इस…
“असामञ्जस्य-भरे वातावरण" को पहचानना केवल उसी हद तक उपयोगी हो सकता है जिस हद तक वह हर एक के अन्दर उसे…
... इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए हमारे अन्दर ऐसी श्रद्धा होनी चाहिये जिसे कोई भी बौद्धिक सन्देह विचलित…
... इन परिवेशों में और इस तरह की बातचीत के दौरान जो चैत्य आत्म-संयम वाञ्छनीय है उसमें दूसरी चीज़ों के…
यह इसलिए है क्योंकि समस्त संसार मिथ्यात्व में पूरी तरह डूबा हुआ है-इसलिए वे सभी कर्म जो ऊपर उभर आते…