तुम्हें अकेलापन इसलिये लगता है क्योंकि तुम्हें प्रेम की आवश्यकता मालूम होती है। बिना किसी मांग के प्रेम करना सीखो,…
तुम उस प्रेम से खुश नहीं होते जो कोई और तुम्हारे लिए अनुभव करता है। तुम्हें औरों के लिए जो…
साधना के दौरान इस तरह की थकान कई कारणों से आ सकती है : १. शरीर जितना ले सकने के…
शाश्वत शांति और नीरवता में प्रकट होते हैं, किसी चीज़ से तुम अपने-आपको क्षुब्ध न होने दो तो शाश्वत अभिवक्त…
'भागवत उपस्थिति' दिन-रात सतत मौजूद है । चुपचाप अन्दर की ओर मुड़ना काफी है और हम उसे पा लेंगे ।…
मधुर माँ , एक लम्बे अरसे से मैं देख रहा हूँ कि मैं कुछ लजीला-सा हूं । मेरे अन्दर हीन-भावना…
जिस चीज़ से मनुष्य डरता है, वह तब तक आते रहने की प्रवृत्ति रखती है, जब तक की मनुष्य सीधे उसके…
केवल ईश्वर के ही प्रभाव से प्रभावित होना, और किसी के प्रभाव को स्वीकार न करना - यही पवित्रता है…
कभी मत बुड़बुड़ाओ । जब तुम बुड्बुड़ाते हो तो तुम्हारे अन्दर सब तरह की शक्तियां घुस जाती हैं और तुम्हें…
श्रीअरविंद धरती पर अतिमासनिक जगत की अभिव्यक्ति की घोषणा करने आये थे और उन्होने इस अभिव्यक्ति की घोषणा ही नहीं…